मंगलवार, 1 सितंबर तक अनंत चतुर्दशी है। इस दिन गणेश उत्सव का समापन होगा। तब तक भगवान गणपति के सामने बैठकर मंत्र जाप करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। उज्जैन के भागवत कथाकार और ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गणेश पूजा में दूर्वा विशेष रूप से चढ़ानी चाहिए।
ऐसे बनाएं दूर्वा की 11 गांठ
गणेशजी को दूर्वा खास तरीके से चढ़ाई जाती है। दूर्वा का जोड़ा बनाकर अर्पित किया जाता है। 22 दूर्वा को एक साथ जोड़ने पर 11 जोड़े तैयार हो जाते हैं। इन 11 जोड़ों को यानी इन 11 गांठों को गणेशजी को चढ़ाना चाहिए। किसी मंदिर के बगीचे में उगी हुई या किसी साफ जगह पर उगी हुई दूर्वा ले सकते हैं। दूर्वा चढ़ाने से पहले साफ पानी से इसे धो लेना चाहिए।
ऐसे कर सकते हैं गणेश पूजा
रोज सुबह जल्दी उठें, स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद घर के मंदिर में गणेश पूजा की व्यवस्था करें। गणेशजी को जल चढ़ाएं। सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल, प्रसाद चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। श्री गणेशाय नम: मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें। गणेश पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और जरूरतमंद लोगों को धन-अनाज का दान करें।
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